विनीत द्विवेदी, ब्यूरो प्रयागराज।
नैनी,प्रयागराज। श्रमिक बस्ती समिति, नैनी द्वारा चलाए जा रहे मालिकाना अधिकार आंदोलन के तहत श्रमिक कॉलोनी के निवासियों ने आज मानस पार्क, श्रमिक कॉलोनी में धरना दिया। धरना स्थल पर आयोजित सभा में प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि 1978 में जारी केंद्र सरकार के आदेशानुसार अन्य राज्यों की तरह उत्तर प्रदेश नैनी समेत अन्य जिलों की श्रमिक कॉलोनियों के आवासों का तत्काल मालिकाना अधिकार दिया जाए। इस मामले में श्रम आयुक्त, कानपुर द्वारा शुरू की गई जांच कार्यवाही का स्वागत करते हुए समिति के सचिव विनय मिश्र ने कहा कि पिछले 70 वर्षों से राजकीय श्रम हितकारी केंद्र व मानस पार्क का उपयोग नैनी के निवासी करते चले आ रहे हैं ।पूर्व डीएलसी प्रयागराज राकेश द्विवेदी ने स्थानीय गृह निरीक्षक की मिली भगत से इस केंद्र में रखे सरकारी फर्नीचर, पुस्तकालय की किताबें, जिम का सामान, झूले, अस्पताल के उपकरण, सिलाई की मशीन आदि सब बेच डाला। करोड़ों रुपए का सरकारी सामान बेचने के बाद घोटाले को छुपाने के लिए अवैध रूप से राजकीय श्रम अधिकारी केंद्र पीएसी को दे दिया। जिस पर 42 वीं वाहिनी पीएसी ने कब्जा कर लिया है। उन्होंने कहा कि श्रमिक कॉलोनी और राजकीय श्रम हितकारी केंद्र का निर्माण मजदूरों के लिए किया गया है। पीएसी को यहां रहने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है। राजकीय श्रम हितकारी केंद्र, कॉलोनी के कमरों और खेल मैदानो पर पीएसी वाले जबरन कब्जा करके नैनी के निवासियों का उत्पीड़न कर रहे हैं।समिति के सचिव विनय मिश्र ने कहा कि पीएसी को नैनी से हटाकर अन्यत्र किसी जगह बसाया जाए। धरना स्थल पर वक्ताओं ने कहा कि श्रमिक कॉलोनी के आवासों का जब तक मालिकाना अधिकार नहीं मिलेगा। कॉलोनी के निवासियों का यह आंदोलन जारी रहेगा। धरने में सर्वश्री सभाजीत यादव, शंकर लाल त्रिपाठी, अरविंद राय, हरि विश्वकर्मा, ओम प्रकाश सिंह, रमाकांत तिवारी, जगबरन सिंह, मोहम्मद शाहिद, अजमत हुसैन, इम्तियाज अहमद, विक्की गुलाटी, पुष्पा शर्मा, अरुण पांडे, सत्येंद्र यादव सत्येंद्र यादव,अमरचंद शर्मा, अमित श्रीवास्तव आदि लोग उपस्थित रहे।
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नैनी,प्रयागराज। श्रमिक बस्ती समिति, नैनी द्वारा चलाए जा रहे मालिकाना अधिकार आंदोलन के तहत श्रमिक कॉलोनी के निवासियों ने आज मानस पार्क, श्रमिक कॉलोनी में धरना दिया। धरना स्थल पर आयोजित सभा में प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि 1978 में जारी केंद्र सरकार के आदेशानुसार अन्य राज्यों की तरह उत्तर प्रदेश नैनी समेत अन्य जिलों की श्रमिक कॉलोनियों के आवासों का तत्काल मालिकाना अधिकार दिया जाए। इस मामले में श्रम आयुक्त, कानपुर द्वारा शुरू की गई जांच कार्यवाही का स्वागत करते हुए समिति के सचिव विनय मिश्र ने कहा कि पिछले 70 वर्षों से राजकीय श्रम हितकारी केंद्र व मानस पार्क का उपयोग नैनी के निवासी करते चले आ रहे हैं ।पूर्व डीएलसी प्रयागराज राकेश द्विवेदी ने स्थानीय गृह निरीक्षक की मिली भगत से इस केंद्र में रखे सरकारी फर्नीचर, पुस्तकालय की किताबें, जिम का सामान, झूले, अस्पताल के उपकरण, सिलाई की मशीन आदि सब बेच डाला। करोड़ों रुपए का सरकारी सामान बेचने के बाद घोटाले को छुपाने के लिए अवैध रूप से राजकीय श्रम अधिकारी केंद्र पीएसी को दे दिया। जिस पर 42 वीं वाहिनी पीएसी ने कब्जा कर लिया है। उन्होंने कहा कि श्रमिक कॉलोनी और राजकीय श्रम हितकारी केंद्र का निर्माण मजदूरों के लिए किया गया है। पीएसी को यहां रहने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है। राजकीय श्रम हितकारी केंद्र, कॉलोनी के कमरों और खेल मैदानो पर पीएसी वाले जबरन कब्जा करके नैनी के निवासियों का उत्पीड़न कर रहे हैं।समिति के सचिव विनय मिश्र ने कहा कि पीएसी को नैनी से हटाकर अन्यत्र किसी जगह बसाया जाए। धरना स्थल पर वक्ताओं ने कहा कि श्रमिक कॉलोनी के आवासों का जब तक मालिकाना अधिकार नहीं मिलेगा। कॉलोनी के निवासियों का यह आंदोलन जारी रहेगा। धरने में सर्वश्री सभाजीत यादव, शंकर लाल त्रिपाठी, अरविंद राय, हरि विश्वकर्मा, ओम प्रकाश सिंह, रमाकांत तिवारी, जगबरन सिंह, मोहम्मद शाहिद, अजमत हुसैन, इम्तियाज अहमद, विक्की गुलाटी, पुष्पा शर्मा, अरुण पांडे, सत्येंद्र यादव सत्येंद्र यादव,अमरचंद शर्मा, अमित श्रीवास्तव आदि लोग उपस्थित रहे।
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