Prayagraj News: भारतीय संविधान दिवस के अवसर पर रविवार को जिला पंचायत सभागार में ‘‘मंथन, कर्मयोग एवं संकल्प ’’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया..

विनीत द्विवेदी, ब्यूरो प्रयागराज।
प्रयागराज। भारतीय संविधान दिवस के अवसर पर जिला पंचायत सभागार में कार्यक्रम का आयोजन जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में प्रमुख सचिव परिवहन एल0 वेंकटेश्वर लू सम्मिलित हुए। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल ने की एवं मुख्य वक्ता के रूप में राम कृष्ण गोस्वामी अध्यक्ष-भारतीय चरित्र निर्माण संस्थान दिल्ली उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि प्रमुख सचिव परिवहन एल0 वेंकटेश्वर लू व जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल ने दीप प्रज्जवलित कर किया। कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल ने संविधान की उद्देश्यिका का पाठन कराया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि एल0 वैंकटेश्वर लू ने बताया कि हमारा संविधान हमारे देश व समाज के लिए प्राणतत्व है। इस ऋषि- मुनिगण की धरा को कैसे समृद्ध बनाया जाए और यहां पैदा होने वाले बच्चों के भविष्य को कैसे उज्जवल बनाया जाय-इस गहरे चिंतन व बड़े उद्देश्य हेतु जिन महापुरुषों ने अपने प्राणों की आहुति दी उन महापुरुषों की जो चेतना है, आदर्श हैं, संकल्प हैं, भावना है, किस तरह के भारत का निर्माण चाहते थे एवं उनकी स्पिरिट की व्याख्या ही हमारा संविधान है। उन महापुरुषों की अभीप्शा व भावना को हमारा संविधान परिलक्षित करता है। उन्होंने भारतीय संविधान में ''सर्वभूत  इतेरतां'' की भावना, कर्मयोग, ईश्वरीय संविधान के पालन से व्यवहारिक संविधान का पालन, प्राणतत्व, एवं संवाद विषयों पर विस्तार से चर्चा करते हुए इनके अंतर्संबंधो को भी बताया। उन्होंने कहा कि यदि हमारे अंदर सामंजस्य की भावना हो, लोगों के लिए प्रेम हो तथा ईश्वरीय संविधान का पालन करेंगे तभी इस व्यवहारिक संविधान का पालन कर सकते हैं और भागवत गीता ही ईश्वरीय संविधान है। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति जितना ही ईश्वरीय संविधान के अनुसार चलता है उसका प्राणतत्व उतना ही मजबूत होता है । उन्होंने कहा कि बिना कर्मयोग के कोई व्यक्ति आत्मकल्याण नहीं कर सकता है। अपने आप कुछ भी अच्छा नहीं होता है, उसके लिए निष्काम भावना से किया गया पुरषार्थ आवश्यक है। कर्मयोग से व्यक्ति में वैचारिक शुद्धता, त्याग की भावना, राष्ट्रभक्ति एवं देशभक्ति विकसित होती है, जिससे व्यक्ति समाज सेवा से जुड़ता है। उन्होंने कहा कि आप लोग ईश्वर को साक्षी मानकर आत्म संतुष्टि के लिए आत्म अनुशासन से संविधान दिवस पर महापुरुषों को याद करते हुए पूरे मनोयोग से अपने जीवन को सार्थक बनाएँ। 



कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल ने कहा कि बहुत परिश्रम के बाद इस विविधताओं से भरे देश के लिए विश्व के सबसे बड़े संविधान की रचना की गई। उस समय यह अनिश्चितता व्यक्त की गयी थी कि यह कब तक चलेगा लेकिन आज हम विश्वगुरु बनने की प्रक्रिया में अग्रसर है । हम सभी विविधताओं के साथ हर क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाने वाले हो रहे हैं। हमे संविधान निर्माताओं की आशा अनुरूप दृढ़ संकल्प के साथ कार्य करना है। अपने संबोधन में मुख्य वक्ता के रूप में भारतीय चरित्र निर्माण संस्थान दिल्ली के अध्यक्ष राम कृष्ण गोस्वामी ने कहा कि धर्म की आत्मचेतना-न्याय व्यवस्था को अपने आचरण, चरित्र व व्यवहार में विकसित करें जिससे श्रेष्ठ भारत का निर्माण हो सके । सभी लोक सेवक अपना स्वधर्म  समझे तथा उसका पालन करे। उन्होंने गीता शिक्षा पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि गीता शासन, प्रशासन व अनुशासन का केन्द्र बिंदु है एवं न्याय धर्म की आत्मा है। अतः हमेशा न्याय के शासन की व्यवस्था होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि संकल्प से सिद्धि मिलती है। अतः आज हम सब लोग एक श्रेष्ठ  भारत के निर्माण का संकल्प लें। सम्भागीय परिवहन अधिकारी राजेश कुमार मौर्या ने कार्यक्रम का धन्यवाद  ज्ञापित किया। संविधान दिवस के अवसर पर जिलाधिकारी व परिवहन विभाग के  अधिकारियों के द्वारा मुख्य अतिथि को संविधान की प्रति भेंट की गयी। मुख्य अतिथि एल0 वैंकटेश्वर लू के द्वारा भिन्न भिन्न क्षेत्रों में प्रशंसनीय सहयोग प्रदान करने हेतु अधिकारियों, सिविल डिफेंस व अन्य लोगों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन प्रभाकर त्रिपाठी ने किया। इस अवसर पर परियोजना निदेशक अशोक कुमार मौर्या, जिला विकास अधिकारी भोलानाथ कनोजिया, परिवहन विभाग के अधिकारीगण, पुलिस यातायात के अधिकारीगण, सिविल डिफेंस, विभिन्न कॉलेज के शिक्षक व काफी संख्या लोग उपस्थित रहे।


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