लखनऊ। भाजपा के नेता नीतीश जी ने बताया कि श्रीराम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा के बाद, जब श्रीरामलला की पहली झलक दिखी, तो उनकी आँखों में आदर्शता, होठों पर मुस्कान, और चेहरे पर अद्भुत चमक दिखाई दी। 22 जनवरी 2024 को हुआ इस दिन को करोड़ों श्रीराम भक्तों के लिए अद्वितीय माना जा रहा है। जब हम सभी उनके भव्य मंदिर में विराजमान होते हैं, तो उस क्षण में मैं भी अनगिनत श्रीराम भक्तों की भावनाओं से भरा हुआ हूँ।
प्रभु की प्रतीक्षा में न जाने कितनी पीढ़ियां बीत गई।
इस दृष्टि में, आज तक की कितनी पीढ़ियाँ इस क्षण का इंतजार करती रही हैं, यह कह पाना मुश्किल है। नीतीश जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी जी के नेतृत्व में यह सपना पूरा हुआ है, और उन्होंने उनके कर्मों के लिए हृदय से आभार व्यक्त किया है।
श्री राम भक्तों के चेहरों पर दुनियाभर में खुशी छाई है, और इसके साथ ही हम सभी भारतवासी इस अद्भुत क्षण के लिए आभूत हैं। लक्षणों से सिद्ध हुआ कि इस लंबे संघर्ष और संकल्प के बाद, संतों और अनगिनत लोगों के योगदान से यह सफल नतीजा आया है।
विशाल श्रीराम जन्मभूमि मंदिर युगों-युगों तक हमारे सनातन संस्कृति का अद्वितीय प्रतीक बना रहेगा। वनवास के 14 वर्षों के बाद, जब प्रभु श्रीराम जी आए थे, वह दिवाली थी, और अब 500 साल बाद वह भव्य दिव्य मंदिर में विराजमान हैं, इससे सम्पूर्ण विश्व और भारत राममय हो गया है।
नीतीश जी ने आग्रह किया कि हमें श्री अयोध्या जी के इतिहास को पढ़ना चाहिए और सरकार से यह आपील की कि इसे शिक्षा में समाहित किया जाए।
http://dlvr.it/T1nqnJ
प्रभु की प्रतीक्षा में न जाने कितनी पीढ़ियां बीत गई।
इस दृष्टि में, आज तक की कितनी पीढ़ियाँ इस क्षण का इंतजार करती रही हैं, यह कह पाना मुश्किल है। नीतीश जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी जी के नेतृत्व में यह सपना पूरा हुआ है, और उन्होंने उनके कर्मों के लिए हृदय से आभार व्यक्त किया है।
श्री राम भक्तों के चेहरों पर दुनियाभर में खुशी छाई है, और इसके साथ ही हम सभी भारतवासी इस अद्भुत क्षण के लिए आभूत हैं। लक्षणों से सिद्ध हुआ कि इस लंबे संघर्ष और संकल्प के बाद, संतों और अनगिनत लोगों के योगदान से यह सफल नतीजा आया है।
विशाल श्रीराम जन्मभूमि मंदिर युगों-युगों तक हमारे सनातन संस्कृति का अद्वितीय प्रतीक बना रहेगा। वनवास के 14 वर्षों के बाद, जब प्रभु श्रीराम जी आए थे, वह दिवाली थी, और अब 500 साल बाद वह भव्य दिव्य मंदिर में विराजमान हैं, इससे सम्पूर्ण विश्व और भारत राममय हो गया है।
नीतीश जी ने आग्रह किया कि हमें श्री अयोध्या जी के इतिहास को पढ़ना चाहिए और सरकार से यह आपील की कि इसे शिक्षा में समाहित किया जाए।
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